कमा के इतनी दोलत भी मैं अपनी " माँ " को दे ना पाया,
कि जितने सिक्कों से
"माँ " मेरी नज़र उतार कर
फेक दिया करती थी..
🍀🍀🍀🍀🍀🍀
कमा के इतनी दोलत भी मैं अपनी " माँ " को दे ना पाया,
कि जितने सिक्कों से
"माँ " मेरी नज़र उतार कर
फेक दिया करती थी..
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